2 जुलाई 2024 लेटेस्ट पंजाबी धार्मिक गीत फ़रियाद लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं। इस गीत के लिरिक्स शमशेर लेहरी जी और रिस्की जी ने लिखे हैं और बिरेंदर ढिल्लों जी और शमशेर लेहरी जी ने अपने सुरों से सजाया है।
लेटेस्ट पंजाबी धार्मिक गीत की जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत का नाम | फ़रियाद |
2 | गायक | बिरेंदर ढिल्लों जी और शमशेर लेहरी जी |
3 | लेखक | शमशेर लेहरी जी और रिस्की जी |
4 | प्रकाशक | Banjare Music |
5 | प्रकाशन तिथि | 2 जुलाई 2024 |
लेटेस्ट पंजाबी धार्मिक गीत फ़रियाद लिरिक्स की विडियो
लेटेस्ट पंजाबी धार्मिक गीत फ़रियाद लिरिक्स हिन्दी में
सुण फ़रियाद मेरी ईमानदारी रख पैसा नाल नी जाणा
पैसा नाल नी जाणा के तेरे कुज भी नाल नी जाणा
सुण फ़रियाद मेरी ईमानदारी रख पैसा नाल नी जाणा
पैसा नाल नी जाणा के तेरे कुज भी नाल नी जाणा
पैसा नाल नी जाणा के तेरे कुज भी नाल नी जाणा
हो ओह………….
मौत ना वेहंदी वड्डा छोटा
जांदेयां नू रोज वेखें तू
जांदेयां नू रोज वेखें तू..2
तेरी वारी तू भी जाणैं
रहीं ना विच भुलेखे तू
रहीं ना विच भुलेखे तू
की बण के दिखलौनैं ओहनू
की बण के दिखलौनैं ओहनू रब नहीं अन्ना काणा
सुण फ़रियाद मेरी ईमानदारी रख पैसा नाल नी जाणा
पैसा नाल नी जाणा के तेरे कुज भी नाल नी जाणा
पैसा नाल नी जाणा के तेरे कुज भी नाल नी जाणा
हो ओह………….
झूठी दुनियादारी दे लई
पाप ना कर तू बंदेया
वेख रिहा ऐ सब कुज मालिक
कुज ता डर तू बंदेया
वेख रिहा ऐ सब कुज मालिक
कुज ता डर तू बंदेया
लेखे जोखे भुगतणगे ओखे
लेखे जोखे भुगतणगे ओखे बण जा तू सियाणा
सुण फ़रियाद मेरी ईमानदारी रख पैसा नाल नी जाणा
पैसा नाल नी जाणा के तेरे कुज भी नाल नी जाणा
पैसा नाल नी जाणा के तेरे कुज भी नाल नी जाणा
हो ओह………….
कित्थे ऐ सुल्तान सिकंदर
मौत ना छड़े पीर पैगम्बर
कित्थे ऐ सुल्तान सिकंदर
मौत ना छड़े पीर पैगम्बर
सभे झाड़ झाड़ गए आडम्बर
सभे झाड़ झाड़ गए आडम्बर तू भी इक दिन जाणा
सुण फ़रियाद मेरी ईमानदारी रख पैसा नाल नी जाणा
पैसा नाल नी जाणा के तेरे कुज भी नाल नी जाणा
पैसा नाल नी जाणा के तेरे कुज भी नाल नी जाणा
हो ओह………….
पढ़ पढ़ आलम फाज़िल होया ना कदे
अपणे आप नू पढ़ेया ई नहीं
जा जा वडे मंदिर मसीतीं कदे
अपणे अंदर तू वड़ेया ई नहीं
ऐवें रोज शैतान नाल लड़दा ऐ
कदे मन अपणे नाल लड़ेया ई नहीं
बुल्ले शाह असमानी उड़दियां फड़दा ऐ
जेहडा घर बैठा ओहनू फड़ेया ई नहीं…
इक लख पूत सवा लख नाती
तां रावण घर दीया ना बाती
क्या मांगों कुछ थिर ना रहायी
देखत नैण चलेयो जग जाही
कहत कबीर अंत की वारी
हाथ झाड़ ज्यों चले जवाहरी
कहत कबीर अंत की वारी
हाथ झाड़ ज्यों चले जवाहरी ……