
13 जनवरी 2022 निरंकारी गज़ल आदमी लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं । इस निरंकारी गीत के लिरिक्स विवेक शौक जी ने लिखे हैं इस निरंकारी गज़ल को ए एस के जी ने अपने सुरों से सजाया है
निरंकारी गज़ल की जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
---|---|---|
1 | गीत का नाम | आदमी |
2 | गायक | ए एस के जी |
3 | लेखक | विवेक शौक जी |
4 | प्रकाशक | A S K – Music |
5 | तारीख | 13 जनवरी 2022 |
निरंकारी गज़ल आदमी लिरिक्स की वीडियो
निरंकारी गज़ल आदमी लिरिक्स हिन्दी में
आदमी सब हैं मगर कोई कोई इंसान है
आदमी सब हैं मगर कोई कोई इंसान है
और इंसानों में कोई आप सा भगवान है
आदमी सब हैं मगर कोई कोई इंसान है
हो गया जब आपका तो फिर मैं कहां बाकी रहा
हो गया जब आपका तो फिर मैं कहां बाकी रहा
ना तो दिल मेरा है दिल ना जान मेरी जान है
आदमी सब हैं मगर कोई कोई इंसान है
सारी नज़में सारी गज़ले और कवि दरवार ये
सारी नज़में सारी गज़ले और कवि दरवार ये
आपकी ईक खामौशी पे सौ दफ़ा कुर्बान है
आदमी सब हैं मगर कोई कोई इंसान है
तेरी खातिर हो मेरा ये जिस्म ए जान और मैं विवेक
तेरी खातिर हो मेरा ये जिस्म ए जान और मैं विवेक
तेरे ही काम आ सकूँ बस दिल का ये अरमान है
आदमी सब हैं मगर कोई कोई इंसान है
और इंसानों में कोई आप सा भगवान है
आदमी सब हैं मगर कोई कोई इंसान है
आदमी सब हैं मगर कोई कोई इंसान है
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