निरंकारी गीत / भजन तमाम लोग लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं । यह एक धार्मिक निरंकारी भजन/गीत है । इस ग़ज़ल को पूज्य सुची अरोड़ा जी ने गाया है और पूज्य भूपेन्द्र बेकल जी ने इसके शब्द लिखे हैं । यह निरंकारी भजन/गीत महफ़िल ए रूहानियत के एपिसोड 3 (Mehfil-E-Ruhaniyat episod-3) से है।
इस निरंकारी गीत लिरिक्स की जानकारी
Sr. No. | Particulars | Detail |
---|---|---|
1 | गीत/भजन का नाम | तमाम लोग |
2 | गायन | पूज्य सुची अरोड़ा जी |
3 | लेखन | पूज्य भूपेन्द्र बेकल जी |
4 | उपलक्ष्य/एल्बम | महफ़िल ए रूहानियत के एपिसोड 3 (Mehfil-E-Ruhaniyat episod-3) |
5 | तारीख | 24 जुलाई 2022 |
6 | copyright | Sant Nirankari Mission |
तमाम लोग लिरिक्स हिन्दी में
लेने लगे हैं कानों से, आँखों का काम लोग
लेने लगे हैं कानों से, आँखों का काम लोग
लेंने लगे हैं कानों से, आँखों का काम लोग
क्या था बनाया बन गए, हैं क्या तमाम लोग
लेने लगे हैं कानों से, आँखों का काम लोग
क्या दे रहे हैं देखिये, बदले में चाहें क्या
क्या दे रहे हैं देखिये, बदले में चाहें क्या
अश्कों से अब चुकाते हैं, खुशियों के दाम लोग
अश्कों से अब चुकाते हैं, खुशियों के दाम लोग
क्या था बनाया बन गए, हैं क्या तमाम लोग
लेने लगे हैं कानों से, आँखों का काम लोग
घर अपने फूंक देते हैं, गैरों के जान कर
घर अपने फूंक देते हैं, गैरों के जान कर
लेते हैं अपने आप से, ये इंतकाम लोग
लेते हैं अपने आप से, ये इंतकाम लोग
क्या था बनाया बन गए, हैं क्या तमाम लोग
लेने लगे हैं कानों से,आँखों का काम लोग
कोशिश सुधारने की, इसे किस तरह कहें
कोशिश सुधारने की, इसे किस तरह कहें
खुदगर्ज़ियों को कहते हैं, जब इंतजाम लोग
खुदगर्ज़ियों को कहते हैं, जब इंतजाम लोग
क्या था बनाया बन गए, हैं क्या तमाम लोग
लेने लगे हैं कानों से, आँखों का काम लोग
बेकल ना होंगे कोल-ओ-अमल, उनके एक से
बेकल ना होंगे कोल-ओ-अमल, उनके एक से
जब तक करें ना जिन्दगी, मुरशद के नाम लोग
जब तक करें ना जिन्दगी, मुरशद के नाम लोग
क्या था बनाया बन गए, हैं क्या तमाम लोग
लेने लगे हैं कानों से, आँखों का काम लोग
लेने लगे हैं कानों से, आँखों का काम लोग