12 मई 2021 निरंकारी गीत हरदेव तेरे एहसान लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं। इस निरंकारी गीत के लिरिक्स नवप्रीत भोगल जी ने लिखें है और जतिन वासवानी जी और सुमीता भोगल जी ने अपने सुरों से सजाया है।
निरंकारी गीत की जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत का नाम | हरदेव तेरे एहसान |
2 | गायक | जतिन वासवानी जी और सुमीता जी |
3 | लेखक | नवप्रीत भोगल जी |
4 | प्रकाशक | Jatin Vaswani Music |
5 | प्रकाशन तिथि | 12 मई 2021 |
निरंकारी गीत हरदेव तेरे एहसान लिरिक्स की विडियो
निरंकारी गीत हरदेव तेरे एहसान लिरिक्स हिन्दी में
सुबह हो शाम हो दिन हो या चाहे रात चले
हुजूर आपकी बस आपकी ही बात चले
आप हरदेव यूं ही दिल में समाये रहिये
हर एक लम्हे पे या रब ये करामात रहे
जिस्म तो होगा फना उससे क्या लेना देना
रूह से रूह का रिश्ता ये मुलाक़ात चले
मानवता के भगवान हरदेव तेरे एहसान
नहीं हम भूलेंगे नहीं हम भूलेंगे
तेरे दिए हुए वरदान तेरी मीठी सी मुस्कान
नहीं हम भूलेंगे नहीं हम भूलेंगे
नहीं हम भूलेंगे नहीं हम भूलेंगे
जब आंख कोई रोई तुम ने खुशियां बांटी
तुम ने बस गुण देखे सब ने कमीयां छाँटी
सब जान के भी आका तुम बने रहेंगे अनजान
नहीं हम भूलेंगे नहीं हम भूलेंगे
नहीं हम भूलेंगे नहीं हम भूलेंगे
इश्क को दिल ने जब भी गुनगुनाया
मेरा हरदेव मुझ को याद आया
तेरी भोली सी प्यारी सी वो सूरत याद जब आई
मेरे सारे गमों को लेके जाने वो कहाँ जाए
लगे तू साथ मेरे मुस्कुराया
इश्क को दिल ने जब भी गुनगुनाया
मेरा हरदेव मुझ को याद आया
हुई सुबह नहीं देखा हुई शाम नहीं देखा
तूने नींद नहीं देखी आराम नहीं देखा
दिन रात चला करने पूरे सबके अरमान
नहीं हम भूलेंगे नहीं हम भूलेंगे
नहीं हम भूलेंगे नहीं हम भूलेंगे
साकार तेरे सपने हमें मिल कर करने हैं
दुनिया के कागज़ पर रंग प्यार के भरने हैं
नवप्रीत की तू पहचान जब तक है जान में जान
नहीं हम भूलेंगे नहीं हम भूलेंगे
नहीं हम भूलेंगे नहीं हम भूलेंगे
वही चेहरा वही मुस्कान वही अंदाज़ लगता है
वही नगमा वही आवाज़ वही साज़ लगता है
लहू बन कर रागों में आज भी हरदेव बहुत हैं
वही जज्बा सुदीक्षा माँ में सबको आज लगता है
मुरीदों ने है सर इन को झुकाया
इश्क को दिल ने जब भी गुनगुनाया
मेरा मुर्शिद है मुझको याद आया