08 नवम्बर 2022 को प्रकाशित निरंकारी गीत सवाली लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं। इस निरंकारी गीत के लिरिक्स मदन राणा जी ने लिखे है। और इस गीत को विवेक नागपाल जी ने अपनी मधुर आवाज से सजाया है।
निरंकारी गीत की जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत/भजन का नाम | सवाली |
2 | गायक | विवेक नागपाल जी |
3 | लेखक | मदन राणा जी |
4 | उपलक्ष्य/एल्बम | Divine Bliss Music |
5 | तारीख | 1 अगस्त 2023 |
6 | copyright | सन्त निरंकारी मिशन |
निरंकारी गीत सवाली लिरिक्स की वीडियो
निरंकारी गीत सवाली लिरिक्स हिन्दी में
सतगुरु दे दर दे सवाली बण के रहिए
सतगुरु दे दर दे सवाली बण के रहिए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
देवे जो दातार ओहो हस्स के लै लेईए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
सब खुशियाँ दे नाल है संगत बहुत जरूरी
हर गुरु सिख ते वरसे गुरु दी रहमत पूरी
सब खुशियाँ दे नाल है संगत बहुत जरूरी
हर गुरु सिख ते वरसे गुरु दी रहमत पूरी
माड़ी मोटी आ जाए मुश्किल हस्स के सहीए
माड़ी मोटी आ जाए मुश्किल हस्स के सहीए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
अपणी मंग विच रज़ा तेरी शामिल कर लईए
बोलां दे विच अमलां दे ही रंग भर लईए
अपणी मंग विच रज़ा तेरी शामिल कर लईए
बोलां दे विच अमलां दे ही रंग भर लईए
टिक करना छड दईए केहड़ा गलत सहीए
टिक करना छड दईए केहड़ा गलत सहीए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
सेवा सिमरण सत्संग बिरती बन्दगी वाली
रहणी ए फिर मदन राणया मुख ते लाली
सेवा सिमरण सत्संग बिरती बन्दगी वाली
रहणी ए फिर मदन राणया मुख ते लाली
भैण भरावां वांगू सारे मिल के बहीए
भैण भरावां वांगू सारे मिल के बहीए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
सतगुरु दे दर दे सवाली बण के रहिए
सतगुरु दे दर दे सवाली बण के रहिए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
देण वाले दे एहसानां नू भुल ना बहीए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए
सानू कुज ना लोड़ कदे ना मूंहों कहीए