27 मई 2022 को प्रकाशित निरंकारी गीत ज़िन्दगी खुशनुमा लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलव्ध हैं। इस गीत के लिरिक्स अंशु कैथ जी ने लिखें है और अरुण सिंह जी गाया है ।
निरंकारी गीत भजन ज़िन्दगी खुशनुमा लिरिक्स की जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत/भजन का नाम | ज़िन्दगी खुशनुमा |
2 | गायक | अरुण सिंह जी |
3 | लेखक | अंशु कैथ जी |
4 | प्रकाशक | A S K Topic |
5 | तारीख | 27 मई 2022 |
6 | copyright | सन्त निरंकारी मिशन |
निरंकारी गीत ज़िन्दगी खुशनुमा लिरिक्स हिन्दी में वीडियो
निरंकारी गीत ज़िन्दगी खुशनुमा लिरिक्स हिन्दी में
थामा जब से हाथ आपने
है ज़िन्दगी खुशनुमा हो गई
थामा जब से हाथ आपने
है ज़िन्दगी खुशनुमा हो गई
वाकिफ हुए मक्सदों से हम
ऐसी ये पनाह हो गई
थामा जब से हाथ आपने ………..
बिन माली के पौधे थे हम
नफरतों में यूँ पल रहे थे
गफलत की नींद में सोकर
माया को ही रो रहे थे
माया को ही रो रहे थे….
एहसास इलाही जो मिला
ये दूरीयां फ़ना हो गई
हो.. वाकिफ हुए मक्सदों से हम
ऐसी ये पनाह हो गई…..
खुदगर्ज़ी की होड़ में पड़ कर
जब वी तुझे विसारा है
गुस्ताखियों को माफ़ है करके
हर किरदार को निखारा है
हर किरदार को निखारा है….
अंश आपके हैं जाना तो
सब मुश्किलें आसान हो गई
हो…वाकिफ हुए मक्सदों से हम
ऐसी ए पनाह हो गई
थामा जब से हाथ आपने
है ज़िन्दगी खुशनुमा हो गई