राधा स्वामी भजन / शब्द किते बोल वे झल्लया कावां लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं । राधा स्वामी सत्संग ब्यास के इस भजन / शब्द को मिनाक्षी छाबड़ा जी ने अपनी आवाज़ दी है ।
राधा स्वामी सत्संग ब्यास के इस भजन / शब्द के बारे में जानकारी
क्र. सं. | विषय | जानकारी |
1 | भजन / शब्द | किते बोल वे झल्लया कावां |
2 | गायक | मिनाक्षी छाबड़ा जी |
3 | लेखक | राधा स्वामी सत्संग ब्यास |
4 | तारीख | 04 जुलाई 2020 |
5 | विडियो प्रकाशन | Minakshi Chhabra Shabad Satsang |
6 | कॉपीराइट | राधा स्वामी सत्संग व्यास |
राधा स्वामी सत्संग ब्यास के इस भजन / शब्द किते बोल वे झल्लया कावां की विडियो
राधा स्वामी सत्संग ब्यास के इस भजन / शब्द किते बोल वे झल्लया कावां लिरिक्स हिन्दी में
किते बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
कुट कुट तैनू चुरीयाँ पावां
कुट कुट तैनू चुरीयाँ पावां
जे सोहणा घर आवे
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
घर आवे मेरा गुरु प्यारा
घर आवे मेरा गुरु प्यारा
मेरी जिन्द नू ओसे दा सहारा
मेरी जिन्द नू ओसे दा सहारा
लख लख तरले पावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
सोने दी तैनू चुंज लवावां
सोने दी तैनू चुंज लवावां
लख लख तरले पावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बहुत जन्म बिछड़े थे माधो
बहुत जन्म बिछड़े थे माधो
इस जन्म च तरले पावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
ऐसी बोली बोल सुणावीं
ऐसी बोली बोल सुणावीं
गुरु मेरे दा सन्देश ले आवीं
गुरु मेरे दा सन्देश ले आवीं
झल्लयां वांग मैं तक्कदी राहवां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
मैं कोज़ी मेरा सतगुरु सोहणा
मैं कोज़ी मेरा सतगुरु सोहणा
मैं की कर गुरु नू मनावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
जदों घर आवे मेरा सतगुरु
जदों घर आवे मेरा सतगुरु
सिर चरणा उत्ते टिकावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बैठीं आण बनेरे मेरे
आ जाण किते बाबा जी मेरे
बैठीं आण बनेरे मेरे
आ जाण किते बाबा जी मेरे
मैं रो रो हाल सुणावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
झल्लयां वांग मैं ओस्सियाँ पावां
झल्लयां वांग मैं ओस्सियाँ पावां
बार बार मैं सिमरण करदी
बार बार मैं सिमरण करदी
सिर चरणा विच धरदी
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
भागां बालीयां दर्शन कर दियाँ
भागां बालीयां दर्शन कर दियाँ
मैं कूंज वांग कुरलावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
किते बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
बोल वे झल्लया कावां
मेरे गुरु ने कद घर औणा
मेरे गुरु कद घर औणा….