26 सितंबर 2022 को प्रकाशित कव्वाली स्पेशल महफ़िल ए रूहानियत एपिसोड 7 के चोथे निरंकारी गीत / भजन तेरा चर्चा लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलव्ध हैं । इस निरंकारी गीत / भजन को सोनू सुरजीत जी , हीरा सिंह जी , अजय जी, कबीर जी, वीरू जी और सहोता जी के द्वारा गाया गया है। विवेक शौक़ जी ने इस भजन के लिरिक्स लिखे हैं
निरंकारी गीत भजन कव्वाली के बारे में जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत/भजन का नाम | जिहना गुरु चरणां दे नाल |
2 | गायन | सोनू सुरजीत जी , हीरा सिंह जी , अजय जी, कबीर जी, वीरू जी और सहोता जी |
3 | लेखन | विवेक शौक़ जी |
4 | उपलक्ष्य/एल्बम | महफ़िलए रूहानियत के एपिसोड 7 |
5 | तारीख | 26 सितंबर 2022 |
6 | copyright | सन्त निरंकारी मिशन |
निरंकारी कव्वाली लिरिक्स हिन्दी की विडियो
निरंकारी गीत तेरा चर्चा लिरिक्स हिन्दी में
यूँ बंद जुवां से होती इवादत देखी है
तेरे मुरीदों की क्या खूब आदत देखी है
बंद जुवां से होती इवादत देखी है
तेरे मुरीदों की क्या खूब आदत देखी है
अक्ल-ओ-इल्म से रब्बी इश्क नहीं मिलता
दीदार-ए-खुदा से मिलती राहत देखी है
अक्ल-ओ-इल्म से रब्बी इश्क नहीं मिलता
दीदार-ए-खुदा से मिलती राहत देखी है
तेरा चर्चा तेरा चर्चा तेरा चर्चा
साहिब तेरा चर्चा, तेरा चर्चा, साहिब तेरा चर्चा , तेरा चर्चा
ज़मीन से लेकर आसमां तक क्या
तेरा चर्चा……
इधर उधर मैं जहां भी जाऊं
तेरा चर्चा तेरा चर्चा तेरा चर्चा तेरा चर्चा
साहिब तेरा चर्चा, तेरा चर्चा….
तेरा चर्चा, साहिब तेरा चर्चा—-6
तेरा चर्चा , करे जुबां मेरी—-4
इतनी औकात है कहां मेरी, कहां मेरी
इतनी औकात है कहां मेरी, कहां मेरी—-2
गुण सभी के जहाँ इकट्ठे हों
गुण सभी के जहाँ इकट्ठे हों—4
ये नजर जाए बस वहां मेरी
ये नजर जाए बस वहां मेरी—2
इतनी औकात है कहां मेरी, कहां मेरी
इतनी औकात है कहां मेरी, कहां मेरी—-2
फूल तेरा हूँ तेरे काम आऊं
फूल तेरा हूँ तेरे काम आऊं—–4
यही अरदास वागवां मेरी
यही अरदास वागवां मेरी—-2
इतनी औकात है कहां मेरी, कहां मेरी
इतनी औकात है कहां मेरी, कहां मेरी—-2
कोई अपना ना बन सका मेरा
कोई अपना ना बन सका मेरा—–4
तू पिता है तू ही है माँ मेरी
तू पिता है तू ही है माँ मेरी——2
इतनी औकात है कहां मेरी, कहां मेरी
इतनी औकात है कहां मेरी, कहां मेरी—-2
है विवेक तेरा आसरा वरना
है विवेक तेरा आसरा वरना—–4
कौन सुनता तेरे बिना मेरी
कौन सुनता तेरे बिना मेरी——2
इतनी औकात है कहां मेरी, कहां मेरी
इतनी औकात है कहां मेरी, कहां मेरी—-2