2023 लेटेस्ट पंजाबी सैड गीत तेरे लई लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं । इस पंजाबी सैड गीत के लिरिक्स निरवैर पुन्नू जी ने लिखे हैं और उन्होंने ही इस गीत को गाया है ।
लेटेस्ट पंजाबी सैड गीत तेरे लई के बारे में जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत का नाम | तेरे लई |
2 | गायक | निरवैर पुन्नू जी |
3 | लेखक | निरवैर पुन्नू जी |
4 | प्रकाशक | Juke Dock |
5 | तारीख | 08 सितम्बर 2023 |
लेटेस्ट पंजाबी सैड गीत तेरे लई विडियो
लेटेस्ट पंजाबी सैड गीत तेरे लई लिरिक्स हिन्दी में
तेरे लई जो लिखया सी
तू पढ़या नईं नमा अपणा
अक्खां ने होर कोई तकया नईं
हाए जचया नईं समां अपणा
मैं साम्भया ए, रखां कज के
वे क्यूँ तुर गऐ, कलयां छड्ड के
नाले लै गऐ, वे ज़िन्द कड्ड के
वे क्यूँ तुर गऐ, कलयां छड्ड के
ओ आदत सी तेरी भुल गया
तो मेरा तो बातां तेरियां
ओदों कठयां ने हत्थ फड़ के
अक्खां पढियाँ अक्खां पढियाँ
वे क्यूँ सुटदै आपे चक्क के
जे तू कह दे मैं मन लऊंगा
ए कुफ्रां नूं एह दुनिया ई आ
तेरी खुशबू नूं चख्या सी
तू दसया सी एह दुनिया ई आ
मैं रौणा ए गले लग के
वे क्यूँ तुर गऐ, कलयां छड्ड के
नाले लै गऐ, वे ज़िन्द कड्ड के
इश्क विच आह कुज हो जांदा
मैं सुणया सी मैं पढ़या सी
हो की करिए हो गया ए
मैं करया नईं मैं करया नईं
मैं मंगया सी पल्ले अड के
वे क्यूँ तुर गऐ……
खौरे किस मोड़, नूं मुड़ गया हां
मैं तुर गया हां, मैं रुल गया हां
तेरे मोह नाल, खड़या सी
मैं भरया सी, मैं डुल गया हां
प्यारा कोई नी तैत्थों वद्द के
वे क्यूँ तुर गऐ, कलयां छड्ड के
मसले जो ने, ओ हल होणे
ओ अज्ज होणे, या कल होणे
मैं मर जाणा, जां हर जाणा
ना झल होणे, ना ठल्ल होणे
कित्थे रखदा, यादां दब्ब के
वे क्यूँ तुर गऐ
मैं आख्या सी, गुस्से होके
ओ मोह मेरा , ओ नफ़रत नईं
मैं मुक्क जावां, नज़र लग जए
ओ पर मेरी, एह हसरत नईं
की कर सकदा, आपे दस दे
वे क्यूँ तुर गऐ, कलयां छड्ड के
नाले लै गऐ, वे ज़िन्द कड्ड के
वे क्यूँ तुर गऐ
जए तेरे नईं, किसे दे नईं
आ जावांगे, हामी तां दे
मैं रब्ब मनया, सी सच्च तैनूं
तो रब्ब बणके, माफी तां दे
भावें रख लै, थल्ले दब्ब के
वे क्यूँ तुर गऐ, कलयां छड्ड के
आ हासे जो, रहण हसदे
एहनां नूं मैं , जालणा ए
हुण दुःख नूं, गब्बरू करके
मैं पालणा ए , पालणा ए
मैं गम पी लए, हाए रज्ज रज्ज के
वे क्यूँ तुर गऐ….
लोकां आखया, बड़ा मैनू
हाय वेवफा ने भन्डया ए
ओहना दा की, कोई दुःख नई
वे तू अपणा, वे तू ना कह
के तू दस जाए , कोई हल लभ के
वे क्यूँ तुर गऐ, कलयां छड्ड के
वे क्यूँ तुर गऐ…
वे सुण निरवैर, तेरे करके
तेरे लई मैं, आपा हरया
मेरा कुझ नईं, सच्चीं सुध नईं
वे जो भी ए , तेरा करया
मैं भुल गया हां, हासे रख के
वे क्यूँ तुर गऐ….
मैं काफ़र हां, मेरी गलती
मैं मनदा हां, मैं मनदा हां
जां तू मिल जए, जां मौत मिले
मैं मंगदा हां , मैं मंगदा हां
मैं मुक्क जाणा, आखिर थक के
मैं मुक्क जाणा, आखिर थक के
आखिर थक के, आखिर थक के…….