9 मार्च 2023 निरंकारी गज़ल ख़ुदा का साया लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं । इस निरंकारी गज़ल के लिरिक्स सुरिंदर सेहज जी ने लिखे हैं इस निरंकारी गज़ल को सुरिंदर सेहज जी ने ही अपने सुरों से सजाया है
निरंकारी गज़ल की जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत का नाम | ख़ुदा का साया |
2 | गायक | सुरिंदर सेहज जी |
3 | लेखक | सुरिंदर सेहज जी |
4 | प्रकाशक | Sehaj Nirankari Channel |
5 | प्रकाशन तिथि | 9 मार्च 2023 |
निरंकारी गज़ल ख़ुदा का साया लिरिक्स की वीडियो
निरंकारी गज़ल ख़ुदा का साया लिरिक्स हिन्दी में
जिसके क़दमों में सर झुकाया है
जिसके क़दमों में सर झुकाया है
उसका साया ख़ुदा का साया है
उसका साया ख़ुदा का साया है
जिसके क़दमों में सर झुकाया है
जिसके क़दमों में सर झुकाया है
इसने हमको कभी नहीं परखा
इसने हमको कभी नहीं परखा…2
हमने पल पल पे आज़माया है
हमने पल पल पे आज़माया है…3
जिसके क़दमों में ………….
तुझसे छुप कर कहाँ गुनाह करूँ
तुझसे छुप कर कहाँ गुनाह करूँ…2
ज़र्रे ज़र्रे में तू समाया है
ज़र्रे ज़र्रे में तू समाया है….3
जिसके क़दमों में ………….
अक्ल आख़िर चलो समझ ही गई
अक्ल आख़िर चलो समझ ही गई …2
के इन्हें कौन समझ पाया है
के इन्हें कौन समझ पाया है ….3
जिसके क़दमों में ………….
आज ख़ुद से ‘सहज’ है शर्मिन्दा
आज ख़ुद से ‘सहज’ है शर्मिन्दा …2
क्या कमाना था क्या कमाया है
क्या कमाना था क्या कमाया है ….3
जिसके क़दमों में सर झुकाया है
उसका साया ख़ुदा का साया है
जिसके क़दमों में सर झुकाया है
इसका साया ख़ुदा का साया है