30 जुलाई 2016 निरंकारी गीत मेरा वजूद लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं । इस निरंकारी गीत के लिरिक्स अशोक शौक जी ने लिखे हैं और वंदना निरंकारी जी ने अपने सुरों से सजाया है ।
निरंकारी गीत की जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत का नाम | मेरा वजूद |
2 | गायक | वंदना निरंकारी जी |
3 | लेखक | अशोक शौक जी |
4 | प्रकाशक | Vandana Nirankari |
5 | प्रकाशन तिथि | 30 जुलाई 2016 |
निरंकारी गीत मेरा वजूद लिरिक्स की विडियो
निरंकारी गीत मेरा वजूद लिरिक्स हिन्दी में
मेरा वजूद कहां हमारा मैं कहां होता
के जिंदगी में अगर तू ना मेहरबान होता
के जिंदगी में अगर तू ना मेहरबान होता
मेरा वजूद कहां हमारा मैं कहां होता
के जिंदगी में अगर तू ना मेहरबान होता……….
कहीं पे शाम कहीं पर सुबह गुज़र जाती
कहीं पे शाम कहीं पर सुबह गुज़र जाती
ये जिंदगी भी किसी मोड़ पर ठहर जाती
ना हमकदम भी ना और कोई हमनवा होता
के जिंदगी में अगर तू ना मेहरबान होता
मेरा वजूद कहां और मैं कहां होता
के जिंदगी में अगर तू ना मेहरबान होता……….
तुम्हारी इक नज़र जाने क्या से क्या करदे
तुम्हारी इक नज़र जाने क्या से क्या करदे
बने जो रंको में उनको भी बादशाह करदे
अगर ना मिलती नजर सुना ये जहां होता
के जिंदगी में अगर तू ना मेहरबान होता
मेरा वजूद कहां और मैं कहां होता
के जिंदगी में अगर तू ना मेहरबान होता……….
तुम्हारा नूर मुझे हर जगह नज़र आये
नूर नूर नूर नूर………..
तुम्हारा नूर मुझे हर जगह नज़र आये
तुम्हारे बंदो की ये करनी मुझे कदर आये
बगैर इनके कहां शौक़ ये आया होता
के जिंदगी में अगर तू ना मेहरबान होता
मेरा वजूद कहां और मैं कहां होता
के जिंदगी में अगर तू ना मेहरबान होता……….
के जिंदगी में अगर तू ना मेहरबान होता……….