7 नवम्बर 2023 हिन्दी सैड गीत कभी शाम ढले लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं।
इस गीत के लिरिक्स जानी जी ने लिखे हैं और मोहम्मद फैज़ जी ने अपने सुरों से सजाया है।
हिन्दी सैड गीत की जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत का नाम | कभी शाम ढले |
2 | गायक | मोहम्मद फैज़ जी |
3 | लेखक | जानी जी |
4 | प्रकाशक | VYRLOriginals |
5 | प्रकाशन तिथि | 7 अप्रैल 2024 |
हिन्दी सैड गीत कभी शाम ढले लिरिक्स की विडियो
हिन्दी सैड गीत कभी शाम ढले लिरिक्स हिन्दी में
कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना
लगे गम गले तो मेरे दिल में आ जाना
मेरा घर जलाने वाले सुन मेरी
तेरा घर जले तो मेरे दिल में आ जाना
मगर आना इस तरह से के फिर लौट के ना जाना
ओ कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना
लगे गम गले तो मेरे दिल में आ जाना
ओ मेरा घर जलाने वाले सुन मेरी
ओ तेरा घर जले तो मेरे दिल में आ जाना
मगर आना इस तरह से के फिर लौट के ना जाना
हो …………
जब तेरे अपने भी तुझे छोड़ के जायेंगे
या पानी में मिलाके तुझे जहर पिलाएंगे
हो जब तेरे अपने भी तुझे छोड़ के जायेंगे
या पानी में मिलाके तुझे जहर पिलाएंगे
वही हाथ काटेंगे तेरे जो हाथ मिलाएंगे
जिन्हे जान जान कहते हो वही जान ले जायेंगे
कोन अपना है तेरा कोन पराया
ओ ये ना पता चले तो मेरे दिल में आ जाना
मगर आना इस तरह से के फिर लौट के ना जाना
कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना
ओ लगे गम गले तो मेरे दिल में आ जाना
ओ मेरा घर जलाने वाले सुन मेरी
तेरा घर जले तो मेरे दिल में आ जाना
मगर आना इस तरह से के फिर लौट के ना जाना