4 जुलाई 2018 हिन्दी रोमांटिक गीत इश्क दी वाज्जियाँ लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं।
इस गीत के लिरिक्स गुलज़ार जी ने लिखे हैं और दिलजीत दोसांझ जी ने अपने सुरों से सजाया है।
हिन्दी रोमांटिक गीत की जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत का नाम | इश्क दी वाज्जियाँ |
2 | गायक | दिलजीत दोसांझ जी |
3 | लेखक | गुलज़ार जी |
4 | प्रकाशक | SonyMusicIndiaVEVO |
5 | प्रकाशन तिथि | 4 जुलाई 2018 |
हिन्दी रोमांटिक गीत इश्क दी वाज्जियाँ लिरिक्स की विडियो
हिन्दी रोमांटिक गीत इश्क दी वाज्जियाँ लिरिक्स हिन्दी में
कभी उसे नूर नूर कहता हूँ कभी मैं हूर हूर कहता हूँ
कभी उसे नूर नूर कहता हूँ कभी मैं हूर हूर कहता हूँ
इश्क में चूर चूर रहता हूँ
दूर ना जा…
ना जा आँखों आँखों में ही रहना
आँखों आँखों में ही रहना
आँखों आँखों में ही रहना
इश्क दी वाज्जियाँ
जीतियाँ ना हारियाँ
जान से लग गईं
जान की यारियाँ
गिन के देख बदन पे
नील दिए हैं इश्क ने
पड़े जो हाथ पे छाले
छील दिए हैं इश्क ने
वे मैं सारे दुख सहणा
तैनू नहीं दसणा
ओ लगियाँ इश्क दी वाज्जियाँ
जीतियाँ ना हारियां
जान से लग गईं
जान की यारियां
कभी उसे नूर नूर कहता हूं
कभी मैं हूर हूर कहता हूं
इश्क में चूर चूर रहता हूं
दूर ना जा
दूर ना जा…
कभी उसे नूर नूर कहता हूं
कभी मैं हूर हूर कहता हूं
इश्क में चूर चूर रहता हूं
दूर ना जा…
ना जा आंखों आंखों में ही रहना
आंखों आंखों में ही रहना….2
आंखों आंखों में ही…
तेरे बिन बिन तेरे सूफियों के डेरे
देख मैंने कितने लगाए फेरे अड़िए
हो छोड़ के भी जाना हो तो
हरी भरी बैरी तले
छल्ला छड्ड जाईं नी कुड़िए
तेरे बिन बिन तेरे सूफियों के डेरे
देख मैंने कितने लगाए फेरे अड़िए
हो छोड़ के भी जाना हो तो
हरी भरी बैरी तले
छल्ला छड्ड जाईं नी कुड़िए
याद आ जाए तो तेरा नाम लेके झूम लूं
शाम आ जाए तो उठ के चांद का माथा चूम लूं
वे मैं सारे दुख सहना तैनू नहीं दसणा
ओ लगगियां इश्क दी वाज्जियाँ
जीतियां ना हारियां
जान से लग गईं
जान की यारियां
कभी उसे नूर नूर कहता हूं
कभी मैं हूर हूर कहता हूं
इश्क में चूर चूर रहता हूं
दूर ना जा
दूर ना जा…..
कभी उसे नूर नूर कहता हूँ
कभी मैं हू हूर कहता हूँ
इश्क में चूर चूर रहता हूँ
दूर ना जा…
ना जा आँखों आँखों में ही रहना
आँखों आँखों में ही रहना
आँखों आँखों में ही रहना