13 मई 2020 निरंकारी गीत हर दिल में देव लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं। इस निरंकारी गीत के लिरिक्स विवेक शौक जी ने लिखे हैं और जतिन वासवानी जी और अश्मीत दुआ जी ने अपने सुरों से सजाया है।
निरंकारी गीत की जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत का नाम | हर दिल में देव |
2 | गायक | जतिन वासवानी जी और अश्मीत दुआ जी |
3 | लेखक | विवेक शौक जी |
4 | प्रकाशक | Jatin Vaswani Music |
5 | प्रकाशन तिथि | 13 मई 2020 |
निरंकारी गीत हर दिल में हरदेव लिरिक्स की विडियो
निरंकारी गीत हर दिल में देव लिरिक्स हिन्दी में
लोग अनाथ जिसे कहते हैं
आप उसी के नाथ प्रभु
लोग अनाथ जिसे कहते हैं
आप उसी के नाथ प्रभु
लोग अनाथ जिसे कहते हैं
आप उसी के नाथ प्रभु
दुनिया भर के ठुकराये का
आपने थामां हाथ प्रभु
लोग अनाथ जिसे कहते हैं
आप उसी के नाथ प्रभु
लोग अनाथ जिसे कहते हैं
आप उसी के नाथ प्रभु………..
मैं निर्बल हूं दब जाता हूं
मैं निर्बल हूं दब जाता हूं
जब जब लोग दबाते हैं
जब जब लोग दबाते हैं
इनके प्यार से इस मुर्दे में
इनके प्यार से इस मुर्दे में
फिर से प्राण आजाते हैं
फिर से प्राण आजाते है
इस ममता के कारण ही
ये मात पिता कहलातें है
इस ममता के कारण ही
ये मात पिता कहलातें है
लोग अनाथ जिसे कहते हैं
आप उसी के नाथ प्रभु
आप उसी के नाथ प्रभु………..
लोग बहुत कुछ कह जाते हैं
लोग बहुत कुछ कह जाते हैं
मुझको सहनशक्ति देना
मुझको सहनशक्ति देना
जितने विवेक अवगुन है मुझमें
जितने विवेक अवगुन है मुझमें
उससे अधिक भक्ति देना
उससे अधिक भक्ति देना
खामोशी से सब सह जाऊ
ऐसी प्रभु युक्ति देना
लोग अनाथ जिसे कहते हैं
आप उसी के नाथ प्रभु………..
लोग अनाथ जिसे कहते हैं
आप उसी के नाथ प्रभु………..
दुनिया भर के ठुकराये का
दुनिया भर के ठुकराये का
आपने थामां हाथ प्रभु
लोग अनाथ जिसे कहते हैं
आप उसी के नाथ प्रभु
आप उसी के नाथ प्रभु………..