19 अक्तूवर 2022 को प्रकाशित महफ़िल ए रूहानियत एपिसोड 8 के पहले निरंकारी गीत / भजन ए बक्शण हारे लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलव्ध हैं । इस निरंकारी गीत / भजन को सुमित वाधवां जी ने गाया है। माणक जी और पारस जी ने इस भजन के लिरिक्स लिखे हैं।
निरंकारी गीत/भजन के बारे में जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत/भजन का नाम | ए बक्शण हारे |
2 | गायक | सुमित वाधवां जी |
3 | लेखक | माणक जी और पारस जी |
4 | उपलक्ष्य/एल्बम | महफ़िलए रूहानियत के एपिसोड 8 |
5 | तारीख | 19 अक्तूवर 2022 |
6 | copyright | सन्त निरंकारी मिशन |
निरंकारी गीत/भजन लिरिक्स हिन्दी की विडियो
निरंकारी गीत ए बक्शण हारे लिरिक्स हिन्दी में
ए बक्शण हारे सब सुख दी दात बक्श दे
ए बक्शण हारे सब सुख दी दात बक्श दे
सब हसदे बसदे रहण एसे हालात बक्श दे
सब हसदे बसदे रहण एसे हालात बक्श दे
ए बक्शण हारे ……………
साडे गीतां विच ज़ज्बात पिरोए होण तेरे
साडे नैणा दे विच ख्वाब संजोए होण तेरे
साड्डे गीतां विच ज़ज्बात पिरोए होण तेरे
साडे नैणा दे विच ख्वाब संजोए होण तेरे
साडी बोली नू अपणे वरगी गल बात बक्श दे
साडी बोली नू अपणे वरगी गल बात बक्श दे
सब हसदे बसदे रहण एसे हालात बक्श दे
सब हसदे बसदे रहण एसे हालात बक्श दे
ए बक्शण हारे ……………
हर चेहरे ते मुस्कान कलोलां करदी रहे
तेरा संग करके साडी सोच संवर दी रहे
हर चेहरे ते मुस्कान कलोलां करदी रहे
तेरा संग करके साडी सोच संवर दी रहे
बस एहो जेहे किरदारां दी सौगात बक्श दे
बस एहो जेहे किरदारां दी सौगात बक्श दे
सब हसदे बसदे रहण एसे हालात बक्श दे
सब हसदे बसदे रहण एसे हालात बक्श दे
ए बक्शण हारे ……………
हटकोरे लैंदी जिंदगी किधरे वेखीये ना
इंसान लई शर्मिंदगी किधरे वेखीये ना
हटकोरे लैंदी जिंदगी किधरे वेखीये ना
इंसान लई शर्मिंदगी किधरे वेखीये ना
पारस माणक नू दे खुशियाँ दिन रात बक्श दे
पारस माणक नू दे खुशियाँ दिन रात बक्श दे
सब हसदे बसदे रहण एसे हालात बक्श दे
सब हसदे बसदे रहण एसे हालात बक्श दे
ए बक्शण हारे ……………