09 जून 2023 को प्रकाशित निरंकारी गीत / भजन विछड़े मेलण नूं लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलव्ध हैं ।
इस निरंकारी गीत / भजन को भंगा जी और साथियों ने गाया है। छंगा जी और भंगा जी ने इस भजन के लिरिक्स लिखे हैं ।
निरंकारी गीत भजन के बारे में जानकारी
क्र.सं. | विषय | जानकारी |
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1 | गीत/भजन का नाम | विछड़े मेलण नूं |
2 | गायक | भंगा जी और साथियों ने |
3 | लेखक | छंगा जी और भंगा जी |
4 | तारीख | 09 जून 2023 |
5 | copyright | सन्त निरंकारी मिशन |
निरंकारी गीत विछड़े मेलण नूं लिरिक्स की विडियो
निरंकारी गीत विछड़े मेलण नूं लिरिक्स हिन्दी में
पीर मेरा है , पीर मेरा है
पीर मेरा है पूरा मुरशद
ना एह फैज़ करें ना थक्के
पीर मेरा ए , पीर मेरा है पूरा मुरशद
ना एह फैज़ करें ना थक्के
उस नूं तां एह गले लगावे
जिहनू दुनियाँ मारे धक्के
उस नूं तां एह , उस नूं तां एह गले लगावे
जिहनू दुनियाँ मारे धक्के
उस नूं तां एह गले लगावे
जिहनू दुनियाँ मारे धक्के
आजा लग जा पिया दे कदमीं
एह ता लड लाग्यां दी लज रखे
गुरु अमर लोक चों आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
गुरु अमर लोक चों आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
गुरु अमर लोक चों आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
गुरु अमर लोक चों आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
गुरु अमर लोक चों आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
जिन्हीं राहीं आवे सतगुरु मैं कुरवानी जावां
जिन्हीं राहीं आवे सतगुरु मैं कुरवानी जावां—2
चुक्क के मिटटी मैं चरणां वाली, विच मत्थे दे लावां
चुक्क के मिटटी मैं चरणां वाली, विच मत्थे दे लावां
जित्थे सतगुरु बैहन्दा उठदा , भागां वालियां थावां
जित्थे सतगुरु बैहन्दा उठदा , भागां वालियां थावां
वेखो एह नूं ,बन्दा ना समझयो, निरंकार है सावां
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
गुरु अमर लोक चों आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
गुरु अमर लोक चों आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
एह तां दुनियाँ नूं तारण आया,
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
एह तां दुनियाँ नूं तारण आया,
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
जिन्हीं राहीं आवे सतगुरु द्रख्त वी सजदे करदे—2
जिन्हीं राहीं आवे सतगुरु द्रख्त वी सजदे करदे—2
ज़मीन आसमां वी झुक हे दोनों दर्श पीर दा करदे
ज़मीन आसमां वी झुक हे दोनों दर्श पीर दा करदे
चन्न सूरज वी उठ के दोनों सिर कदमां ते धरदे
चन्न सूरज वी उठ के दोनों सिर कदमां ते धरदे
जिधर नूं सोहणा नज़र करे पत्थर वी कलमे पड़दे
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
गुरु अमर लोक चों आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
गुरु अमर लोक चों आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
जदों एहनूं इश्क दी अग्ग भड़की, एह ने की की रंग विखाया—2
जदों एहनूं इश्क दी अग्ग भड़की, एह ने की की रंग विखाया—2
आपे आप तमाशा करके, आपे वेखण आया
आपे आप तमाशा करके, आपे वेखण आया—2
भेद रब्ब दे ज़ाहिर हो गए छुपदा नहीं छुपाया
भेद रब्ब दे ज़ाहिर हो गए छुपदा नहीं छुपाया
मीरा, शाह , लहू ते रब्ब देखो बन्दा बण के आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
गुरु अमर लोक चों आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
गुरु अमर लोक चों आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
एह तां दुनियाँ नूं तारण आया,
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
एह तां दुनियाँ नूं तारण आया,
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं
गुरु अमर लोक चों आया
विछड़े मेलण नूं
विछड़े मेलण नूं