कविता

latest punjabi romantic song kavita lyrics in hindi at just lyrics. लेटेस्ट पंजाबी रोमांटिक गीत कविता लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं । इस पंजाबी रोमांटिक गीत को राजवीर जवंदा जी ने गाया है।

18 अगस्त 2023 को प्रकाशित लेटेस्ट पंजाबी रोमांटिक गीत कविता लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलब्ध हैं । इस सुन्दर पंजाबी रोमांटिक गीत को राजवीर जवंदा जी ने गाया है जो पंजाबी संगीत उद्योग की प्रसिद्ध हस्तियों में से एक हैं। इस सुंदर गीत के लिरिक्स सिंघजीत जी ने लिखे हैं । यह गाना लड़की के सुंदर आकर्षण और भव्यता की तुलना तुकबंदी से करता है जबकि लड़के की तुलना एक लोक गीत की तरह है। इसके अलावा, गीत यह स्पष्ट करता है कि लड़की एक कविता की तरह है, एक गीतात्मक रचना जो सहज रूप से बहती है, अपने आकर्षण और लालित्य से दिल को मोहित कर लेती है। वह एक आदर्श कविता की तरह है, एक उपयुक्त रूप से लिखी गई कविता है, जो आत्मा पर एक अमिट छाप छोड़ती है।

लेटेस्ट पंजाबी रोमांटिक गीत कविता के बारे में जानकारी

क्र.सं.विषयजानकारी
1गीत का नामकविता
2गायकमंदीप माही जी
3लेखकगुरविन्दर जी
4प्रकाशकRajvir Jawanda
5तारीख18 अगस्त 2023

लेटेस्ट पंजाबी रोमांटिक गीत कविता की विडियो

लेटेस्ट पंजाबी रोमांटिक गीत कविता के लिरिक्स हिन्दी में

ए जो रिश्तेदारी पै गई
रूहां विच अड़िये लह गई
ए जो रिश्तेदारी पै गई
रूहां विच अड़िये लह गई
ए लोरां चढ़ियाँ नूं
तो अपने बुल्लां चों
गुणगुणा लया करीं
नी सुण कविता वरगीए कुड़िये
मैं लोक गीत वरगा
मैं तैनूं पढ़दा रहूंगा
तू मैनूं गा लया करीं
नी सुण कविता वरगीए कुड़िये
मैं लोक गीत वरगा
मैं तैनूं पढ़दा रहूंगा
तू मैनूं गा लया करीं
नी सुण कविता वरगीए कुड़िये

मैं तेरी खूबसूरती उत्ते शायरी करदा हां
हर गल ग़ज़ल वरगी तेरी ते मरदा हां
मैं जिस दिन दा नेड़े तेरे यार आऊण लगया
मैनूं किस्मत अपणी उत्ते प्यार आऊण लगया
तेरे नैण नदी बण गए
दिल किश्ती ए मेरा
विच घुमा देया करीं
नी सुण कविता वरगीए कुड़िये
मैं लोक गीत वरगा
मैं तैनूं पढ़दा रहूंगा
तू मैनूं गा लया करीं
नी सुण कविता वरगीए कुड़िये
मैं लोक गीत वरगा
मैं तैनूं पढ़दा रहूंगा
तू मैनूं गा लया करीं
नी सुण कविता वरगीए कुड़िये

चल नोवल वांगू गल्लां करिए अम्बर थल्ले
तेरी अक्ख दा मेरे नर्म जे दिल ते खंजर चल्ले
तू महकण लादे अड़िये नी कागज़ दयां फुल्लां नूं
पा सिंघजीत चणकोइयां कहण दी आदत बुल्लां नूं
जे मैं दर्दां विच्च होवां
ते मैनूं राहत चाहीदी
मुस्कुरा दया करीं
नी सुण कविता वरगीए कुड़िये
मैं लोक गीत वरगा
मैं तैनूं पढ़दा रहूंगा
तू मैनूं गा लया करीं
नी सुण कविता वरगीए कुड़िये
मैं लोक गीत वरगा
मैं तैनूं पढ़दा रहूंगा
तू मैनूं गा लया करीं
नी सुण कविता वरगीए कुड़िये

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