mehfil e ruhaniyat episod 4 of sant nirankari mission, 1st nirankari geet bhajan Tu Jo Vi Baksheya Ae lyrics in hindi at just lyrics
Posted inधार्मिक लिरिक्स हिन्दी में / निरंकारी गीतों के लिरिक्स हिन्दी में

तू जो वी बक्श्या ए लिरिक्स हिन्दी में

6 अगस्त 2022 को प्रकाशित महफ़िल ए रूहानियत एपिसोड 4 के पहले निरंकारी गीत / भजन तू जो वी बक्श्या ए लिरिक्स हिन्दी में अब जस्ट लिरिक्स पर उपलव्ध हैं । इस निरंकारी गीत / भजन को नेहा सर्मल जी ने गाया है और मान सिंह मान जी ने लिखा है ।

निरंकारी गीत भजन के बारे में जानकारी

Sr. No.ParticularsDetail
1गीत/भजन का नामतू जो वी बक्श्या ए
2गायननेहा सर्मल जी
3लेखनमान सिंह मान जी
4उपलक्ष्य/एल्बममहफ़िल ए रूहानियत के एपिसोड 4 (Mehfil-E-Ruhaniyat episod-4)
5तारीख6 अगस्त 2022
6copyrightSant Nirankari Mission

निरंकारी गीत भजन तू जो वी बक्श्या ए लिरिक्स की विडियो

निरंकारी गीत भजन तू जो वी बक्श्या ए लिरिक्स हिन्दी में

तू जो वी बक्श्या ए
तू जो वी बक्श्या ए
शुकराना होर पादे
शुकराना होर पादे
अपणे स्वभाव वरगा
अपणे स्वभाव वरगा
साडा स्वभाव बना दे
तू जो वी बक्श्या ए
तू जो वी बक्श्या ए

कदमां च तेरे हासा
संतोष है सब्र है
कदमां च तेरे हासा
संतोष है सब्र है
अपणे करीब रख के
अपने करीब रख के
मोह जाल तों बचा दे
मोह जाल तों बचा दे
अपणे स्वभाव वरगा
अपणे स्वभाव वरगा
साडा स्वभाव बना दे
तू जो वी बक्श्या ए
तू जो वी बक्श्या ए

दिल पाक़ होवे इतना
ख्वाईश न कोई जागे
दिल पाक़ होवे इतना
ख्वाईश न कोई जागे
अपणी रज़ा दा ज़ज्बा
अपणी रज़ा दा ज़ज्बा
साहाँ दे विच रला दे
साहाँ दे विच रला दे
अपणे स्वभाव वरगा
अपणे स्वभाव वरगा
साडा स्वभाव बना दे
तू जो वी बक्श्या ए
तू जो वी बक्श्या ए

तेरी मेहर दी एह दौलत
सांभण दी जाच आवे
तेरी मेहर दी एह दौलत
सांभण दी जाच आवे
लोभां ते ललचां नू
लोभां ते ललचां नू
तू फूक दे जला दे
तू फूक दे जला दे
अपणे स्वभाव वरगा
अपणे स्वभाव वरगा
साडा स्वभाव बना दे
तू जो वी बक्श्या ए
तू जो वी बक्श्या ए

जीवन च सहज सानू
शुकराना करना आवे
जीवन च सहज सानू
शुकराना करना आवे
विश्वास भरया जीवन
विश्वास भरया जीवन
इक बार रौशना दे
इक बार रोशना दे
अपणे स्वभाव वरगा
अपणे स्वभाव वरगा
साडा स्वभाव बना दे
तू जो वी बक्श्या ए
तू जो वी बक्श्या ए

भागां च मान लिख दे
उपकार दा कर्म ही
भागां च मान लिख दे
उपकार दा कर्म ही
उपकार करदे जाईए
ऊपकार करदे जाईए
उपकार ही सिखा दे
उपकार ही सिखा दे
अपणे स्वभाव वरगा
अपणे स्वभाव वरगा
साडा स्वभाव बना दे
तू जो वी बक्श्या ए
तू जो वी बक्श्या ए

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