बरसा दाता, सुख बरसा के लिरिक्स हिन्दी में आपको जस्ट लीरिक्स वैबसाइट पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। यह एक निरंकारी गीत है जिसमें सबके सुख की कामना की गई है।
गीत के बारे में जानकारी
क्रम सं. | विषय | जानकारी |
1 | गीत का नाम | बरसा दाता सुख बरसा |
2 | लेखक | बाबू विजय जी |
3 | गीतकार | पवनप्रीत जी |
4 | संगीत प्रबन्धक | शुभदीप जी और अर्पित जी |
5 | एल्बम | महफ़िल – ए – रुहानियत (एपिसोड-1) |
6 | प्रकाशित कर्ता | सन्त निरंकारी मण्डल (रजि.), दिल्ली |
बरसा दाता सुख बरसा लीरिक्स हिन्दी में
बरसा दाता, सुख बरसा
आँगन आँगन सुख बरसा
बरसा दाता, सुख बरसा
आँगन आँगन सुख बरसा
चुन चुन कांटे, नफ़रत के
प्यार अमन के फूल खिला
बरसा दाता, सुख बरसा
आँगन आँगन सुख बरसा
तन से कोई है दुखी
मन से कोई है दुखी
हे प्रभू दया करो
कुल जहान हो सुखी
सब के दुखों की, तुम हो दवा
आँगन आँगन सुख बरसा
बरसा दाता, सुख बरसा
आँगन आँगन सुख बरसा
चुन चुन कांटे, नफ़रत के
प्यार अमन के फूल खिला
बरसा दाता, सुख बरसा
आँगन आँगन सुख बरसा
वैर, द्वेष, दो मिटा
तुम सकल संसार से
नाम का सुमिरन करें
मिलके सारे प्यार से
मानव से मानव, हो ना जुदा
आँगन आँगन सुख बरसा
बरसा दाता, सुख बरसा
आँगन आँगन सुख बरसा
चुन चुन कांटे, नफ़रत के
प्यार अमन के फूल खिला
बरसा दाता, सुख बरसा
आँगन आँगन सुख बरसा
झोलियाँ, सुखों से तू
चाहे दाता भर भी दे
पर विजय बाबू हमें
तू सबर शुकर भी दे
माने हर पल, येही दुआ
आँगन आँगन सुख बरसा
बरसा दाता, सुख बरसा
आँगन आँगन सुख बरसा
चुन चुन कांटे, नफ़रत के
प्यार अमन के फूल खिला
बरसा दाता, सुख बरसा
आँगन आँगन सुख बरसा